हाईकोर्ट ने जीएसटी ट्रिब्यूनल के गठन पर लगाई रोक, जनहित याचिका पर सुनवाई के बाद आदेश
हाईकोर्ट की लखनऊ बेंच ने केंद्र सरकार व जीएसटी काउंसिल द्वारा कोर्ट की अनुमति के बिना उत्तर प्रदेश में जीएसटी अपीलेट ट्रिब्यूनल के गठन पर अंतरिम रोक लगा दी। न्यायालय ने मामले की अगली सुनवाई के लिए 15 मार्च की तिथि नियत की है। इससे पहले इलाहाबाद हाईकोर्ट ने बुधवार को शिक्षा सेवा अधिकरण के गठन पर भी रोक लगायी थी।
यह आदेश मुख्य न्यायमूर्ति गोविंद माथुर व न्यायमूर्ति रितुराज अवस्थी की खंडपीठ ने अवध बार एसेासिएशन की जनहित याचिका पर पारित किया। याचिका में जीएसटी काउंसिल के 14 मार्च 2020 के प्रस्ताव को चुनौती दी गयी थी।जिसके जरिये काउंसिल की ट्रिब्यूनल प्रयागराज में स्थापित करने की बात कही गयी है।पूर्व आदेश के अनुपालन में एडीशनल सॉलिसिटर जनरल शशि प्रकाश सिंह ने पीठ को बताया कि केंद्र व जीएसटी काउंसिल ने न्यायालय के 9 फरवरी 2021 के एक आदेश के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में एसएलपी दाखिल करने का निर्णय लिया था। इस आदेश से इलाहाबाद हाईकेार्ट ने समयसीमा के भीतर जीएसटी काउंसिल प्रयागराज में गठित करने का आदेश भी दे दिया था।
अवध बार की याचिका पर इसके अध्यक्ष व वरिष्ठ अधिवक्ता एचजीएसस परिहार व अन्य वरिष्ठ अधिवक्ताओं जेएन माथुर व एलपी मिश्रा ने तर्क देते हुए कहा कि पहले जीएसटी काउंसिल ने अपीलेट ट्रिब्यूनल लखनऊ में गठित करने का निर्णय लिया लेकिन बाद में अपना निर्णय बदल दिया जो कि बिना किसी आधार के और सरासर गलत है।
लखनऊ बेंच का क्षेत्राधिकार बढ़ाने व नये बनने वाले सभी ट्रिब्यूनलों को प्रदेश की राजधानी में गठित करने की अवध बार की मांग है। इसी क्रम में 24 फरवरी से चल रहे न्यायिक कार्य के बहिष्कार को बढ़ा दिया गया है। अधिवक्तागण शुक्रवार को भी न्यायिक कार्य से विरत रहकर धरना प्रदर्शन जारी रखेंगे।


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