मंगलवार को उत्तर प्रदेश सरकार ने त्रिस्तरीय पंचायत चुनावों (Three tier panchayat elections) को लेकर आरक्षण सूची जारी कर दी है। चुनाव को लेकर महिला, अनुसूचित जनजाति, अनुसूचित जाति, पिछड़ा वर्ग के लिए आरक्षित और अनारक्षित सीटों के आवंटन की सूची का लंबे समय से इंतजार किया जा रहा था, जो मंगलवार को खत्म हो चुका है।
9 मार्च को गाजियाबाद जनपद मुख्यालय पर जिला पंचायत राज अधिकारी कार्यालय में आपत्तियां एकत्र की जाएगी।
10 से 12 मार्च तक गाजियाबाद डीएम की अध्यक्षता में गठित समिति के जरिए आपत्तियां का परीक्षण एवं निस्तारण किया जाएगा। 13 से 14 मार्च तक आरक्षित ग्राम पंचायतों के प्रधानों, तथा ग्राम पंचायत, क्षेत्र पंचायत एवं गाजियाबाद जिला पंचायत के प्रादेशिक निर्वाचन वार्ड की अंतिम सूची का प्रकाशन किया जाएगा। इसके बाद यह तय हो जाएगा कि किस ग्राम पंचायत से किस वर्ग का उम्मीदवार मैदान में उतरेगा।
गाजियाबाद में नए परिसीमन के बाद प्रधान पद के लिए अनुसूचित जाति को कुल 31 सीटें मिली हैं। जबकि पिछड़ा वर्ग के खाते में 41 सीटें आई हैं।
सामान्य वर्ग को कुल 89 सीटों पर चुनाव लड़ना होगा
वर्ष 2021 में होने वाले चुनाव में इन सीटों पर नए समीकरण के साथ प्रत्याशी ताल ठोंकेंगे। पिछले चुनाव में जो सीटें आरक्षित थीं, वह अब सामान्य में चली गई हैं। कुछ सामान्य सीट इस बार आरक्षित श्रेणी में आ गई हैं।
ऐसी तमाम सीटें हैं, जो पिछले दो चुनावों से आरक्षित वर्ग में आ रही थीं, लेकिन अबकी बार वह सामान्य हो गई हैं। उनपर कोई भी चुनाव लड़ सकेगा। ऐसे में सीटों पर नए सिरे से दावेदारी आएंगी और ग्राम पंचायतों में राजनीति भी बदलेगी।
एसटी के खाते में कोई सीट नहीं
जनसंख्या के आधार पर अनुसूचित जनजाति को पंचायत चुनाव में आरक्षण नहीं मिला है। इसका कारण यही बताया जा रहा है कि गाजियाबाद जिले में इस जाति के लोग नहीं हैं। पिछले चुनावों में भी इस वर्ग के लिए एक भी सीट आरक्षित नहीं की गईं थीं।
प्रधानों की 161 सीटों के आरक्षण पर एक नजर
अनुसूचित जाति
महिला पुरुष कुल
11 20 31



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