वायनाडः हाथियों ने दीवार बनकर की परिवार की रक्षा
वायनाड में आपदा से बचने वाली सुजाता ने कहा ‘मैं, पति, बेटी और पोते-पोतियां घूमने गए थे। रात में विस्फोट की आवाज आई तो हम सब बाहर आ गए। मलबे से बचने के लिए हम पहाड़ी पर चले गए। वहां हमारा सामना 3 हाथियों से हुआ। हमने हाथियों से हमें बचाने की प्रार्थना की और रातभर उनके पैरों के पास खड़े रहे। हाथी भी हमें बिना नुकसान पहुंचाए तब तक दीवार की तरह हमारी रक्षा करते रहे, जब तक हमें बचा नहीं लिया गया।’