छात्र नेता समीर करता था फर्जी काम उसके खिलाफ एफ आई आर दर्ज।
कालेज में फर्जी सर्टिफिकेट,प्लाट का फर्जी बयाना का मामला सामने आया।।
प्रयागराज। करछना थाना प्रकरण उपरोक्त में अभियुक्त समीर पांडे पुत्र चंद्रमा प्रसाद पांडे ने पूर्व में भी इलाहाबाद डिग्री कॉलेज मे विधि प्रथम वर्ष सत्र 2012-13 में कूट रचित दस्तावेजों के आधार पर समीर पांडे पुत्र शिवाजी पांडे के नाम से प्रवेश लिया था और छात्रसंघ अध्यक्ष का चुनाव लड़ा था। किंतु बाद में शिकायत करता राघवेंद्र सिंह पटेल द्वितीय रनर के द्वारा जब इस बिंदु को उठाया गया तो जांच के उपरांत यह पाया गया कि उपरोक्त समीर पांडे पुत्र शिवाजी पांडे कोई अन्य व्यक्ति है किंतु उसके कागजात पर अपना फोटो लगाकर इस व्यक्ति द्वारा प्रवेश लिया गया था जिससे यह प्रतीत होता है कि यह अभ्यस्त अपराधी किस्म का व्यक्ति है क्योंकि समीर पांडे पुत्र चंद्रमा प्रसाद पांडे ने इलाहाबाद डिग्री कॉलेज में बी ए. प्रथम वर्ष में सत्र 2003 चार में प्रवेश लिया था लिंग दो सिफारिश के कारण चुनाव लड़ने के लिए अधिकतम 25 वर्ष की आयु निर्धारित की गई थी ऐसी दशा में वह चुनाव लड़ने के योग्य नहीं था इसलिए सत्र 2012-13 में विधि प्रथम वर्ष में समीर पांडे पुत्र शिवाजी पांडे नाम के दूसरे छात्र के कागजात पर अपना फोटो लगाकर इसमें प्रवेश लेकर चुनाव लड़ा था। साथ ही कई लोगों से 80 हजार या एक लाख लेकर प्लॉट देने की बात कर पैसा वापस नहीं करना ,किसी भी बहाने लोगों से पैसा लेकर वापस न कर दबंगई करना जैसे अपराध की प्रथम प्राथमिकी सुचना करछना थाना प्रयागराज में दर्ज है विनोद चौरसिया जैसे कई लोग इसके चंगुल में ठगे गए हैं।ठगी हुई भोली भाली जनता न्याय का इंतजार कर रही है विनोद चौरसिया एसआई मांधाता से ₹800000 लेकर फर्जी रजिस्ट्री कर उसको भी दो हजार अट्ठारह से बेवकूफ बनाया रहा है और इलाहाबाद विश्वविद्यालय के नाम पर सीनियर जूनियर के संबंधों को बातें करते हुए लोगों को जमीन नौकरी ट्रांसफर काम करवा देने के नाम पर लोगों से धोखाधड़ी कर जिसमें अरुण कुमार त्रिपाठी गांव बबुरा पोस्ट बसही से भी पिता की जमीन रजिस्ट्री कराने के नाम पर 1250000 रुपए लेकर फरार चल रहा है जिस में मुकदमा 420 ipc पंजीकृत हो गया है और समाज को ठगने का निरंतर प्रयास है लोगों को बताते फिरता है कि मैं पूर्व अध्यक्ष इलाहाबाद डिग्री कॉलेज हूं जबकि कहीं से कोई अध्यक्ष नहीं रहा वहां भी शिवाजी पांडे पिता का नाम डाल कर दूसरे कूट रचित दस्तावेजों के आधार पर एडमिशन लेकर यह समाज को हरदम गुमराह करने का कार्य किया है। जिससे जनता त्रस्त है।