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Imran Khan Government Crisis : तो क्या कल रैली में इस्तीफा देने वाले हैं इमरान खान? इमरान खान की ‘विदाई’ की तारीख तय

Imran Khan Government Crisis: तो क्या कल रैली में इस्तीफा देने वाले हैं इमरान खान? इमरान खान की ‘विदाई’ की तारीख तय

पाकिस्तान से लगातार ऐसी रिपोर्ट्स आ रही हैं कि पीएम इमरान खान की सरकार कभी भी गिर सकती है। बता दें कि पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ पार्टी को पूर्ण बहुमत नहीं है। ऐसे में पार्टी गठबंधन की सरकार चला रही है। अब पाकिस्तान के गृहमंत्री शेख रशीद ने बताया है कि इमरान खान के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव पर मतदान 3 या 4 अप्रैल को होने की संभावना है। से लगातार ऐसी रिपोर्ट्स आ रही हैं कि पीएम इमरान खान की सरकार कभी भी गिर सकती है। बता दें कि पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ पार्टी को पूर्ण बहुमत नहीं है। ऐसे में पार्टी गठबंधन की सरकार चला रही है। अब पाकिस्तान के गृहमंत्री शेख रशीद ने बताया है कि इमरान खान के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव पर मतदान 3 या 4 अप्रैल को होने की संभावना है।

प्रधानमंत्री कार्यालय के यूट्यूब चैनल के नाम में हुआ बदलाव

पाकिस्तान के प्रधानमंत्री कार्यालय के यूट्यूब चैनल का नाम बदलने से अटकलें तेज हो गई हैं कि इमरान खान रविवार को इस्लामाबाद में उनके द्वारा बुलाई गई सार्वजनिक रैली में प्रधानमंत्री पद छोड़ सकते हैं. रैली इमरान खान की पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ (पीटीआई) की ताकत का प्रदर्शन है क्योंकि विपक्ष उनकी सरकार को हटाने के लिए नेशनल असेंबली में अविश्वास प्रस्ताव के लिए तैयार है.


शनिवार को यूट्यूब चैनल के नाम में हुए बदलाव ने सबका ध्यान अपनी तरफ खींचा है। इससे पहले इस चैनल का नाम प्रधानमंत्री कार्यालय (Prime Minister’s Office) था और इस पर एक सत्यापित टिक था। अब इसका नाम बदलकर ‘इमरान खान’ कर दिया गया है। इमरान खान ने विपक्ष पर पाकिस्तान के विरोध को डकैती करार देते हुए अपने जवाबी हमले में कड़ा प्रहार किया है और लोगों से 27 मार्च को इस्लामाबाद के परेड ग्राउंड में बड़ी संख्या में आने की अपील की है। इमरान ने कहा मैं चाहता हूं कि मेरे लोग कल परेड ग्राउंड में आएं, कल हम लोगों का समुद्र दिखाएंगे! पीटीआई ने एक ट्वीट में इमरान खान का जिक्र करते हुए यह बात कही।

Imran Khan Government Crisis:

जल्द चुनाव करवाना चाहते हैं शेख रशीद?

इस्लामाबाद में मीडिया से बातचीत करते हुए रशीद ने कहा है कि अविश्वास प्रस्ताव लाकर विपक्ष ने असल में इमरान खान की मदद की है। अविश्वास प्रस्ताव के कारण इमरान खान की लोकप्रियता और बढ़ गई है। रशीद ने कहा है कि मैंने इमरान खान से जल्द चुनाव करवाने की अपील की है। उन्होंने सफाई देते हुए कहा है कि जल्द चुनाव का विचार उनकी अपनी राय थी और इसे पकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ के रुख के तौर पर नहीं देखा जाना चाहिए।

इमरान खान के प्रधानमंत्री बनने के चार साल बाद पाकिस्तान में बड़ा राजनीतिक संकट (Political Crisis in Pakistan) पैदा हो गया है। विपक्षी दलों ने आपसी मतभेद भुलाकर इमरान के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है

हाल तक ऐसा लग रहा था कि पाकिस्तान में इमरान (Imran Khan) खान प्रधानमंत्री के रूप में पांच साल पूरा करने में कामयाब होंगे। पाकिस्तान में प्रधानमंत्री के लिए यह दुर्लभ उपलब्धि है। लेकिन, इस महीने की शुरुआत से पाकिस्तान की राजनीतिक फिजां बदलनी शुरू हो गई।

Imran Khan Government Crisis: नेशनल एसेंबली में इमरान की पार्टी की स्थिति

इमरान के राजनीतिक दल का नाम पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ (PTI) है। 2018 में हुए चुनाव में पीटीआई को 149 सीटें मिली थीं। इस तरह यह सबसे बड़े दल के रूप में उभरी थी। यह दूसरे दलों के समर्थन से सरकार बनाने में सफल रही। शहबाज शरीफ की पीएमल (एन) को 82 और बिलावाल भुट्टो की पीपीपी को 54 सीटें मिली थीं।

Imran Khan Government Crisis: इमरान खान के लिए चुनौतियां बढ़ीं 
इमरान खान के लिए राजनीतिक चुनौतियां तब और बढ़ गईं, जब उनकी सरकार आईएमएफ के साथ 6 अरब डॉलर के राहत पैकेज पर बातचीत कर रही है और बेरोजगारी और महंगाई से जूझ रही है। इस्लामाबाद में पीपीपी के लंबे मार्च के बाद 8 मार्च को विपक्षी दलों द्वारा अविश्वास प्रस्ताव पेश किया गया था। विपक्ष को भरोसा है कि उसके प्रस्ताव को मंजूरी मिल जाएगी क्योंकि पीटीआई के कई विधायक पीएम इमरान खान के खिलाफ खुलकर सामने आए हैं। 

Imran Khan Government Crisis: एक्सप्रेस ट्रिब्यून ने शुक्रवार को सूत्रों का हवाला देते हुए कहा कि जैसे-जैसे महत्वपूर्ण अविश्वास प्रस्ताव सत्र नजदीक आता जा रहा है और राजनीतिक गठजोड़ में अनिश्चितता बनी हुई है, सत्ताधारी दल के कम से कम पचास मंत्री राजनीतिक मोर्चे से लापता हो गए हैं। रिपोर्ट में कहा गया है कि 50 से अधिक संघीय और प्रांतीय मंत्रियों को सार्वजनिक रूप से नहीं देखा गया है। कुल मिलाकर विपक्ष ने प्रधानमंत्री इमरान खान के खिलाफ खतरों का ढेर लगाना शुरू कर दिया है।

पाकिस्तान संसद के गणित को समझिए Imran Khan Government Crisis:

पाकिस्तान की नेशनल असेंबली में 342 सदस्य होते हैं। माने सरकार में बने रहने के लिए इमरान खान को 172 सीटें चाहिए होगी। इमरान खान को मौजूदा वक्त में 176 सांसदों का सपोर्ट हासिल है। इसमें इमरान खान की पार्टी पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ के 155 सदस्य हैं।

इमरान सरकार को मुत्ताहिदा कौमी मूवमेंट पाकिस्तान (MQM-P) के 7, पाकिस्तान मुस्लिम लीग-कायद (PML-Q) के 5, बलूचिस्तान आवामी पार्टी (BAP) के 5, ग्रैंड डेमोक्रेटिक अलायंस के 3 और आवामी मुस्लिम लीग पाकिस्तान के 1 सांसद का समर्थन प्राप्त है। ये कुल नंबर बनता है 176। जम्हूरी वतन पार्टी के 1 और दो निर्दलीय सांसदों ने भी इमरान खान को बाहर से समर्थन दिया हुआ है।

ऐसे अल्पमत में आ सकती है इमरान सरकार Imran Khan Government Crisis:

MQM-P के 7 और PML-Q और BAP के 5-5 सदस्यों के समर्थन वापस लेने के केस में इमरान सरकार के पास सिर्फ 159 सांसदों का समर्थन रह जाएगा। इसके साथ ही अगर पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ के 24 नाराज सांसद सरकार से सपोर्ट वापस ले लें तो कुल नंबर बनता है 135। ऐसे में इमरान खान की सरकार अल्पमत में आ जाएगी। ऐसे में बाहरी समर्थन को जोड़ने के बाद में इमरान खान बहुमत से 34 सीट दूर रह जाएंगे।

MQM-P, PML-Q और BAP लगातार बैठक कर रही हैं। ऐसे में जल्द ही इस बात का फैसला हो जाएगा कि ये पार्टियां अब इमरान सरकार का समर्थन करेंगी या नहीं। इससे यह भी साफ हो जाएगा कि इमरान सरकार अपना कार्यकाल पूरा करेगी या उससे पहले ही गिर जाएगी। बता दें कि इमरान खान की पार्टी 2018 में सत्ता में आई थी और पाकिस्तान में अगला आम चुनाव अक्टूबर 2023 में होना है।

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