जहरीली हुई मेरठ की हवा, धुएं की चादर में लोगों की सांसें घुटी
शांत हवा, दिवाली पर आतिशबाजी एवं वाहनों के धुएं ने मिलकर मेरठ की सांसों में जहर भर दिया। सुबह के वक्त कोहरे और धुएं के मिलने से स्मॉग की चादर बन गई। सुबह 11 बजे तक मेरठ के बाहरी हिस्सों में हाइवे धुएं की चादर में लिपटे रहे। गुरुवार रात नौ बजे से शुक्रवार रात तक मेरठ में पीएम-10 और पीएम-2.5 का स्तर 500 दर्ज हुआ और औसत एक्यूआई 480, निजी वेबसाइट पर आतिशबाजी के बाद मेरठ में एक्यूआई 890 से 980 तक दर्ज की गई। शुक्रवार को रात होते ही तापमान में गिरावट और धुएं ने मेरठ को पूरी तरह से अपनी चपेट में ले लिया।
बीते 24 से अधिक घंटों से मेरठ में हवा की गुणवत्ता का यही स्तर बना हुआ है। केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (सीपीसीबी) की रिपोर्ट में मेरठ में शुक्रवार को एक्यूआई 435 रहा जो खतरनाक श्रेणी में है। हवा की खराब स्थिति से केवल मेरठ ही नहीं बल्कि आसपास के जिलों का भी बुरा हाल है। खतरनाक स्थिति में पहुंची मेरठ की हवा में लोगों को सांस लेने में परेशानी और आंखों में जलन की समस्या हुई। आज भी लोगों को इसी स्थिति से गुजरना होगा। शुक्रवार को देश के कुल 133 शहरों में सर्वाधिक प्रदूषित 21 शहरों में मेरठ चौथा बेहद प्रदूषित शहर रहा। हालांकि मुजफ्फरनगर में हवा की गुणवत्ता 306 दर्ज हुई
मेरठ के आसपास हवा
शहर एक्यूआई
नोएडा 475
ग्रेटर नोएडा 472
गाजियाबाद 470
दिल्ली 462
बुलंदशहर 444
हापुड़ 439
बागपत 437
मेरठ 435