।। भगवान पर भरोसा ।।

मां विंध्यवासिनी एवं श्री हनुमान जी महाराज ने मेरे परिवार में कई दिनों से चल रहे मृत्यु के संकट को मात्र थोड़े से कष्ट में काट दिया इसी संदर्भ में एक कहानी याद आ गई।आप भी पढ़ें अवश्य आपको भी अच्छा लगेगा—
एक भक्त महिला थी प्रति क्षण भगवान का ध्यान,भजन,पूजन करती रहती।
एक दिन महिला को किसी धार्मिक स्थल से सेवा का संदेशा आया महिला सेवा में चली गयी।
थोड़ी देर बाद महिला को फ़ोन आया की उसके बेटे का ऐक्सिडेंट हो गया
वो महिला भगवान जी से आज्ञा लेकर हॉस्पिटल पहुँची।
महिला ने भगवान से प्रार्थना की और अपने बेटे को संभालने में लगी रही ।
महिला की पड़ोसन जो उसकी दोस्त भी थी
बोली बहन तेरे भगवान जी कैसे हैं
तू दिन रात सेवा में लगी रहती है और
उन्होंने तेरे साथ क्या किया……
तेरे बेटे का ऐक्सिडेंट हो गया ।
वो महिला बोली मुझे तो अपने भगवान जी पर पूरा भरोसा है।
वो जो करते है बिल्कुल सही करते हैं
इसमें भी कोई राज की बात होगी।
मेरे भगवान जी किसी का बुरा नही करते जो होता है अच्छा ही होता है।
कुछ दिनो बाद बच्चा ठीक हो गया।
महिला फिर से सेवा में लग गयी।
फिर कुछ दिन बाद पता चला की बेटे का फिर ऐक्सिडेंट हो गया है…..
अब पड़ोसन फिर से कहने लगी
बहन तुझे तेरे भगवान जी ने क्या दिया
तो महिला बोली कुछ घटनाएँ हमारी
परीक्षा के लिए भी होती हैं।
अवश्य मेरे भगवानजी मुझे कुछ समझाना चाहते हैं।
आप चाहे जो भी कहें मैं नही डोलूंगी,नहीं बदलूंगी,मेरे भगवान जो भी करते हैं अच्छा ही करते हैं।
महिला भक्ति करती रही ,भगवान जी के सामने विनती करती रही……
धीरे धीरे बेटा फिर ठीक हो गया ।
अब बेटे का तीसरी बार फिर ऐक्सिडेंट हो गया
तो पड़ोसन बोली बहन तू नही मानेगी
तू मुझे अपने बेटे की कुंडली दे मैं अपने महाराज को दिखाऊँगी।
महिला बोली ठीक है तू भी अपने मन की तसल्ली कर ले लेकिन मेरा विश्वास नही डोलेगा।
मेरे भगवानजी सब ठीक कर देंगे।
अब पड़ोसन कुंडली लेकर अपने पंडित जी के पास गयी और बोली महाराज इस बच्चे का बार बार ऐक्सिडेंट हो जाता है कुछ उपाय बताइए ।
महाराज बोले ये क्या ले आयी बहन जिस किसी की भी ये कुंडली है वो तो कई साल पहले मर चुका है।
तो बहन बोली नही महाराज मेरी सहेली का बेटा है और अभी जीवित है
परन्तु बार बार चोट लग जाती है।
पंडित जी बोले जो भी है…..
उसकी मृत्यु कई साल पहले हो जानी चाहिए थी
जरुर कोई शक्ति है जो उसे बचा लेती है।उस बहन की आँखें भर आई।
दौडी दौड़ी उस महिला के पास आकर चरणो में गिर गयी
बोली बहन मुझे भी अपने भगवान जी के पास ले चलो ।
पूछने पर सारी बात बताई ।
और फिर बहन ने भी भगवान जी की शरण ले ली और सेवा करने लगी।

भगवान जी हर पल हमारी रक्षा करते हैैं।और जो भी करते हैं अच्छा ही करते हैं कभी अनुचित तो करते ही नहीं।
भगवान अपने भक्तों के भारी संकट को मात्र थोड़े से कष्ट में काट देते हैं।

।। ऊं श्री परमात्मने नमः ।।
।। जय मां विंध्यवासिनी ।।
।। जय श्री हनुमानजी।।
🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏
आचार्य धीरज द्विवेदी “याज्ञिक”