
Agni 5 Missile Test: 8 देशों के एलिट ग्रुप में भारत की एंट्री से हड़बड़ाया चीन, कहा- ये गैरकानूनी है
आ रही भारत की महामिसाइल…आधी दुनिया इसकी रेंज में, डरे चीन-PAK
Agni 5 Missile Test and China Reaction: भारत द्वारा अग्नि 5 (Agni-V) मिसाइल के एक और परीक्षण पर चीन (China) ने तीखी प्रतिक्रिया दी है। चीन विदेश मंत्रालय ने भारत के इस मिसाइल टेस्ट को संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (UNSC) के नियमों के खिलाफ बताया है। ये अग्नि सीरीज की 5वीं मिसाइल है। 19 अप्रैल 2012 को उड़ीसा में इसका पहला टेस्ट किया गया था, जो सफल रहा था। जनवरी 2015 में मिसाइल का पहला कैनिस्टर टेस्ट किया गया था। तब मिसाइल को रोड मोबाइल लॉन्चर से लॉन्च किया गया था। 10 दिसंबर 2018 को मिसाइल का आखिरी टेस्ट किया गया। खास बात ये है कि अब तक मिसाइल के 7 टेस्ट किए जा चुके हैं, सभी सफल रहे हैं। अग्नि-5 को 2020 में ही सेना में शामिल करने की तैयारी थी, लेकिन कोरोना की वजह से टेस्ट में देरी हो गई।
भारत की परमाणु शक्ति संपन्न अंतरमहाद्वीपीय बैलिस्टिक मिसाइल अग्नि-5 का आज परीक्षण किया जा सकता है. इस मिसाइल के परीक्षण को लेकर चीन समेत कई देशों ने अपनी भौहें टेढ़ी-मेढ़ी की हैं. लेकिन भारत पहले ही अग्नि-5 मिसाइल का सात बार सफल परीक्षण कर चुका है. चीन की नाराजगी इसलिए है क्योंकि अग्नि-5 मिसाइल की रेंज में उसका पूरा देश आ रहा है. ऐसा कोई शहर नहीं हैं जो इस मिसाइल के हमले से बच सके. आइए जानते हैं इस मिसाइल की खासियतें
अग्नि-5 अंतरमहाद्वीपीय बैलिस्टिक मिसाइल (Agni-V ICBM) को रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन (DRDO) और भारत डायनेमिक्स लिमिटेड (BDL) ने मिलकर बनाया है. इस मिसाइल की रेंज 5000 से 8000 किलोमीटर बताई जा रही है. इसकी रेंज पर विवाद है. कई मीडिया संस्थानों में प्रकाशित खबर के अनुसार चीन समेत कुछ देशों का कहना है कि भारत सरकार इस मिसाइल की सही रेंज का खुलासा नहीं कर रही है. मुद्दा ये नहीं है कि इसकी रेंज कितनी है, चीन और कई देशों को यह डर है कि इस मिसाइल की जद में उनका पूरा का पूरा क्षेत्रफल आ रहा है.
अग्नि-5 अंतरमहाद्वीपीय बैलिस्टिक मिसाइल (Agni-V ICBM) का वजन 50 हजार किलोग्राम है. यह 17.5 मीटर लंबी है. इसका व्यास 2 मीटर यानी 6.7 फीट है. इसके ऊपर 1500 किलोग्राम वजन का परमाणु हथियार लगाया जा सकता है. इस मिसाइल में तीन स्टेज के रॉकेट बूस्टर हैं जो सॉलिड फ्यूल से उड़ते हैं. इसकी रफ्तार ध्वनि की गति से 24 गुना ज्यादा है. यानी एक सेकेंड में 8.16 किलोमीटर की दूरी तय करती है. यह 29,401 किलोमीटर प्रतिघंटे की रफ्तार से दुश्मन पर हमला करती है. इसमें रिंग लेजर गाइरोस्कोप इनर्शियल नेविगेशन सिस्टम, जीपीएस, NavIC सैटेलाइट गाइडेंस सिस्टम लगा हुआ है.
अग्नि-5 अंतरमहाद्वीपीय बैलिस्टिक मिसाइल (Agni-V ICBM) अपने निशाने पर सटीकता से हमला करता है. किसी वजह से अगर सटीकता में अंतर आता भी है तो वह 10 से 80 मीटर का ही होगा. लेकिन यह अंतर किसी मिसाइल की घातकता को कम नहीं करती है. इसे लॉन्च करने के लिए जमीन पर चलने वाले मोबाइल लॉन्चर का उपयोग किया जाता है. इसे ट्रक पर लोड करके सड़क से किसी भी स्थान पर पहुंचाया जा सकता है. इस मिसाइल के बारे में वैज्ञानिक एम. नटराजन ने साल 2007 में पहली बार योजना बनाई थी.
Agni-5 ICBM Missile
भारत अगर इस मिसाइल को दागता है तो वह पूरे एशिया, यूरोप, अफ्रीका के कुछ हिस्सों तक हमला कर सकता है. इस मिसाइल की सबसे खास बात है इसकी MIRV तकनीक (मल्टिपल इंडिपेंडेंटली टार्गेटेबल री-एंट्री व्हीकल्स). इस तकनीक में मिसाइल के ऊपर लगाए जाने वॉरहेड (Warhead) में एक हथियार के बजाय कई हथियार लगाए जा सकते हैं. यानी एक मिसाइल एक साथ कई टारगेट पर निशाना लगा सकता है.
Agni-5 ICBM Missile
ऐसा माना जा रहा है कि अग्नि-5 अंतरमहाद्वीपीय बैलिस्टिक मिसाइल (Agni-V ICBM) की तैनाती स्ट्रैटेजिक फोर्सेस कमांड (Strategic Forces Command) में किया जा सकता है. इस कमांड के तहत ही भारत की सभी मिसाइलों का संचालन किया जाता है. इसमें पृथ्वी, अग्नि और सूर्य जैसी मिसाइलें शामिल हैं. सूर्य मिसाइल अभी बनी नहीं है. इसकी रेज 12 से 16 हजार किलोमीटर होगी. उससे पहले अग्नि-6 बनाई जाएगी जो 8 से 12 हजार किलोमीटर रेंज की होगी. इसी कमांड में समुद्र में मौजूद सैन्य मिसाइलें भी शामिल हैं. जैसे- धनुष, सागरिका आदि. (फोटोःगेटी)
Agni-5 ICBM Missile
अग्नि-5 अंतरमहाद्वीपीय बैलिस्टिक मिसाइल (Agni-V ICBM) का पहला सफल परीक्षण 19 अप्रैल 2012 को हुआ था. उसके बाद 15 सितंबर 2013, 31 जनवरी 2015, 26 दिसंबर 2016, 18 जनवरी 2018, 3 जून 2018 और 10 दिसंबर 2018 को सफल परीक्षण हुए. कुल मिलाकर अग्नि-5 मिसाइल के सात सफल परीक्षण हो चुके हैं. इन परीक्षणों में इस मिसाइल को अलग-अलग मानकों पर जांचा गया. जिसमें पता चला कि यह मिसाइल दुश्मन को बर्बाद करने के लिए बेहतरीन हथियार है. इसकी सटीकता, गति और विध्वंसकारी ताकत दुश्मन के पसीने निकाल देगी.
Agni-5 ICBM Missile
चीन में पीएलए एकेडेमी ऑफ मिलिट्री साइंसेज के रिसर्चर डू वेनलॉन्ग ने मीडिया से कहा था कि अग्नि-5 मिसाइल की रेंज 8000 किलोमीटर है. लेकिन भारत की सरकार इस रेंज का खुलासा नहीं कर रही है. ताकि दुनियाभर के देश उसपर आपत्ति न उठाएं. इसलिए अग्नि-5 मिसाइल की रेंज को गुप्त रखा गया है. मीडिया में ऐसी खबरें आई थीं कि अग्नि-5 मिसाइल की रेंज को बढ़ाया जा सकता है. 50 हजार किलोग्राम वजन वाली इस अग्नि-5 मिसाइल को 200 ग्राम का कंट्रोल एंड गाइडेंस सिस्टम करता है नियंत्रित. यह इस मिसाइल पर ही लगा होता है. इसे सिस्टम ऑन चिप (SOC) आधारित ऑन-बोर्ड कंप्यूटर कहते हैं.
Agni-5 ICBM Missile
अग्नि-5 मिसाइल में जिस MIRV तकनीक यानी कई वॉरहेड की बात हो रही थी. उसमें मिसाइल की नाक पर दो से 10 हथियार लगाए जा सकते है. यानी एक ही मिसाइल एक साथ कई सौ किलोमीटर में फैले अलग-अलग 2 से 10 टारगेट पर सटीक निशाना लगा सकता है. यह भी हो सकता है कि अगर टारगेट बहुत बड़ा है तो एक ही मिसाइल के 10 वॉरहेड उसके अलग-अलग हिस्सों को तबाह कर देंगे. ताकि दुश्मन को सिर उठाने का मौका ही न मिले.
Agni-5 ICBM Missile
जहां इस मिसाइल के परीक्षण की बात सुनकर चीन और पाकिस्तान अपना नाक-मुंह सिकोड़ रहे हैं, वहीं इंग्लैंड और अमेरिका ने भारत की तारीफ की है. इंग्लैंड के मीडिया संस्थानों ने कहा है कि भारत इस मिसाइल के सफल परीक्षण के बाद चीन, रूस, फ्रांस, अमेरिका, इंग्लैंड और संभवतः इजरायल जैसे देशों की सूची में शामिल हो जाएगा. अमेरिका ने भी भारत के समर्थन में ही बात कही. वहीं NATO ने कहा कि भारत के मिसाइल परीक्षण से दुनिया को कोई खतरा नहीं है. भारत अपनी तकनीक को और अत्याधुनिक बना रहा है. इससे किसी को कोई दिक्कत नहीं होनी चाहिए.