श्री गणेश जी का जयकारा
आचार्य धीरज द्विवेदी “याज्ञिक”

प्रेम से बोलो श्री गणपति।
सबकोई बोलो श्री गणपति।।
हैं कष्ट निवारे श्री गणपति।
भक्तों को तारे श्री गणपति।।
है मूषक वाहन श्री गणपति।
है मोदक भोजन श्री गणपति।।
मुद मंगल दायक श्री गणपति।
हैं सिद्धि विनायक श्री गणपति।।
शिव जी के प्यारे श्री गणपति।
मैया के दुलारे श्री गणपति।।
बुद्धि के दाता श्री गणपति।
हैं ज्ञान प्रदाता श्री गणपति।।
हैं संकट नाशक श्री गणपति।
हैं बिघ्न बिनाशक श्री गणपति।।
ॠद्धि के दाता श्री गणपति।
सिद्धि के दाता श्री गणपति।।
शुभ लाभ के दाता श्री गणपति।
हैं भाग्य बिधाता श्री गणपति।।
श्री सिद्धि बिनायक श्री गणपति।
अष्ट विनायक श्री गणपति।।
प्रेम से बोलो श्री गणपति।
सबकोई बोलो श्री गणपति।।

।। प्रेम से बोलिये श्री गजानन भगवान की जय ।।

        ।। सबका मंगल हो ।।

आचार्य पं.धीरज द्विवेदी “याज्ञिक”
ग्राम व पोस्ट खखैचा प्रतापपुर हंडिया प्रयागराज