पेगाससः सुप्रीम कोर्ट ने कपिल सिब्बल से पूछा, दो साल बाद जागे? कहा- जासूसी गंभीर मामला
सुप्रीम कोर्ट ने गुरुवार को पेगासस मामले पर दायर याचिकाओं को लेकर सुनवाई की। सर्वोच्च न्यायालय ने विपक्षी नेताओं, पत्रकारों और सामाजिक कार्यकर्ताओं की जासूसी के मुद्दे को अहम बताते हुए कहा कि अगर मीडिया रिपोर्ट्स सही हैं, तो आरोप काफी गंभीर हैं। गौरतलब है कि इस मामले में चीफ जस्टिस एनवी रमण और जस्टिस सूर्यकांत की बेंच सुनवाई कर रही है।
दोनों जजों की बेंच ने यह प्रतिक्रिया याचिकाकर्ताओं का प्रतिनिधित्व कर रहे वरिष्ठ वकील कपिल सिब्बल के उस बयान पर दिया, जिसमें उन्होंने कहा था कि पेगासस एक खराब तकनीक है, जो कि हमारे जाने बिना ही हमारे जीवन में प्रवेश कर जाती है और यह भारतीय लोकतंत्र के निजता, सम्मान और मूल्यों पर हमले की तरह है।इस दौरान सीजेआई रमण ने सिब्बल को टोकते हुए कहा कि आखिर दो साल बाद अचानक यह मुद्दा क्यों उछल आया। तो वरिष्ठ वकील ने कहा कि मीडिया रिपोर्ट्स में आने से पहले उन्हें इस जासूसी मामले के इतने प्रभाव की जानकारी नहीं थी। इसके बाद कोर्ट ने मामले में याचिकाकर्ताओं को अपनी याचिका की कॉपी भारत सरकार को देने के निर्देश दिए हैं। अब इस मामले में मंगलवार को सुनवाई तय की गई है।