महंत नरेंद्र गिरी और उनके शिष्य आनंद गिरी के बीच चल रहा विवाद आज सुलझ गया है। अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद के हस्तक्षेप के बाद पूरे विवाद का पटाक्षेप हुआ।
आनंद गिरी ने अपने गुरु महंत नरेंद्र गिरी के पैर पकड़कर माफी मांगी साथ ही प्रिंट मीडिया, इलेक्ट्रॉनिक मीडिया और सोशल मीडिया में दिए गए बयान को वापस भी लिया। महंत नरेंद्र गिरी साधु-संतों की सबसे बड़ी संस्था अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष हैं।
आपको बता दें कि 14 मई को पंचायती अखाड़ा श्रीनिरंजनी से निष्कासित करने के बाद गुरु नरेंद्र गिरि और शिष्य आनंद गिरि के बीच विवाद शुरू हो गया था। स्वामी आनंद गिरि पर परिवार से संबंध रखने और मठ और मंदिर के धन के दुरुपयोग के मामले में कार्रवाई हुई थी। अखाड़े व मठ, मंदिर से निष्कासित किए जाने के बाद आनंद गिरि लगातार बयान दे रहे थे। अपने गुरु महंत नरेंद्र गिरी के खिलाफ कई आरोप लगाए थे।
स्वामी आनंद गिरि ने कहा था कि गनर, गाड़ी और सेवकों पर तमाम पैसे खर्च करने के अतिरिक्त गुरुजी ने न सिर्फ अपने अनेक शिष्यों, विद्यार्थियों के नाम पर अनेक मकान बनवाए,जमीनें खरीदीं बल्कि उनकी शादियों में होने वाले डांस पर भी रुपयों की गड्डियां लुटाई गईं। यह सब मठ, मंदिर के पैसों की खुलेआम बर्बादी नहीं तो और क्या है।