यूपी पंचायत चुनाव में आरक्षण लागू करने का मामला अब सुप्रीम कोर्ट पहुंच गया है। इलाहाबाद हाईकोर्ट की लखनऊ बेंच ने यूपी सरकार को वर्ष 2015 के आधार पर आरक्षण लागू करने का आदेश दिया था लेकिन इसके खिलाफ शनिवार को सुप्रीम कोर्ट में अपील दाखिल की गई है। वास्तव में इस फैसले को लेकर कुछ लोग खुश हैं और कुछ इसके विरोध में हैं। इस व्यवस्था से कई ग्राम पंचायत के समीकरण ही बदल गए हैं। याचिकाकर्ता दलीप कुमार ने हाईकोर्ट के फैसले पर विचार करने की मांग की है।
दिलीप कुमार नामक युवक ने हाईकोर्ट के फैसले के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में दायर विशेष अनुमति याचिका (एसएलपी) में कहा है कि हाईकोर्ट के फैसले पर विचार किया जाना चाहिए। याचिकाकर्ता की ओर से कहा गया है कि हाईकोर्ट में उनका पक्ष नहीं सुना गया।
इस बीच, पंचायत चुनाव के लिए हाईकोर्ट के आदेश के अनुपालन के क्रम में नये सिरे से तय पदों के आरक्षण व आरक्षित सीटों के आवंटन की पहली सूची शनिवार को प्रकाशित होना शुरू हो गई। अब तक की व्यवस्था के अनुसार 20 से 23 मार्च के बीच पहली सूची पर दावे व आपत्तियां दाखिल की जा सकेंगी। 24 से 25 मार्च के बीच उनका निस्तारण किया जाएगा। फिर अंतिम सूची तैयार की जाएगी। 26 मार्च को इस अंतिम सूची का प्रकाशन किया जाएगा।